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शहीदी दिवस 2022: सीएम जयराम ने शहीदों के परिवारों को किया सम्मानित, हेरिटेज पार्क का भी किया उद्घाटन

23 मार्च साल 1931 का दिन इतिहास के पन्नों स्वर्ण अक्षरों में अंकित है. आज का दिन पूरे भारत में शहीदी दिवस के रुप में मनाया जाता (Jairam pay tribute to Shaheed Bhagat Singh) है. शहीद दिवस के मौके पर सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश के प्रवेश द्वार नालागढ़ में 10 करोड़ की लागत से बनाए गए हेरिटेज पार्क का उद्घाटन (Jairam Inaugurate heritage park at Nalagarh ) किया.

Jairam pay tribute to Shaheed Bhagat Singh
शहीद दिवस पर सीएम जयराम
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Published : Mar 23, 2022, 12:48 PM IST

Updated : Mar 23, 2022, 12:55 PM IST

सोलन: शहीदी दिवस के मौके पर सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश के प्रवेश द्वार नालागढ़ में 10 करोड़ की लागत से बनाए गए हेरिटेज पार्क का उद्घाटन (Jairam Inaugurate heritage park at nalagarh ) किया. इस मौके पर सीएम जयराम ने हेरिटेज पार्क में स्थापित शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

सीएम ने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव ने बलिदान देकर देश की आजादी में एक अहम योगदान दिया (cm jairam thakur nalagarh visit) है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बार-बार आह्वान करते हैं कि जिन लोगों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं, उन्हें किसी न किसी रूप में सम्मान दिया जाए, ताकि आने वाली युवा पीढ़ी इन लोगों के बलिदानों के बारे में जान सके.

वीडियो

इस मौके पर सीएम जयराम ठाकुर ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले 8 शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित (Jairam pay tribute to shaheed bhagat singh) किया. कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए. पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम जयराम शामिल होंगे.

  • शहीदों की शहादत को शत शत नमन!

    आज महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी के शहीदी दिवस पर नालागढ़ स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

    इस दौरान शहीद जवानों के परिवारजनों को सम्मानित किया।

    राष्ट्र उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।

    विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/G5HxzoS4al

    — Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) March 23, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. आज भी युवा उनके आदर्श और हिम्मत से सीख लेते हैं. आज भी घर-घर में भगत सिंह की देशभक्ति के किस्से सुनाए जाते हैं. इस दिन (23 मार्च) भगत सिंह के साथ सुखदेव और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया.

Jairam pay tribute to Shaheed Bhagat Singh
सीएम जयराम ठाकुर ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को दी श्रद्धांजलि

इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. भगत सिंह के देश के प्रति प्रेम के जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. भगत सिंह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें देखते हुए कई लोगों ने क्रांतिकारी मार्ग को अपनाया.

शहीद दिवस क्यों मनाते हैं: 23 मार्च को तीन स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था. बेहद कम उम्र में इन वीरों ने लोगों के कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी और इसी उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. कई युवा भारतीयों के लिए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव प्रेरणा के स्रोत बने हैं. ब्रिटिश शासन के दौरान भी, उनके बलिदान ने कई लोगों को आगे आने और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया. यही कारण है कि इन तीनों क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाता है.

ये भी पढ़ें:Positive Bharat Podcast: हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमने वाले भगत सिंह ने सिखाया अपने दम पर जियो जिंदगी...

सोलन: शहीदी दिवस के मौके पर सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेश के प्रवेश द्वार नालागढ़ में 10 करोड़ की लागत से बनाए गए हेरिटेज पार्क का उद्घाटन (Jairam Inaugurate heritage park at nalagarh ) किया. इस मौके पर सीएम जयराम ने हेरिटेज पार्क में स्थापित शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

सीएम ने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव ने बलिदान देकर देश की आजादी में एक अहम योगदान दिया (cm jairam thakur nalagarh visit) है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बार-बार आह्वान करते हैं कि जिन लोगों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं, उन्हें किसी न किसी रूप में सम्मान दिया जाए, ताकि आने वाली युवा पीढ़ी इन लोगों के बलिदानों के बारे में जान सके.

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इस मौके पर सीएम जयराम ठाकुर ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले 8 शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित (Jairam pay tribute to shaheed bhagat singh) किया. कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए. पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम जयराम शामिल होंगे.

  • शहीदों की शहादत को शत शत नमन!

    आज महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी के शहीदी दिवस पर नालागढ़ स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

    इस दौरान शहीद जवानों के परिवारजनों को सम्मानित किया।

    राष्ट्र उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।

    विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/G5HxzoS4al

    — Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) March 23, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें, शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. आज भी युवा उनके आदर्श और हिम्मत से सीख लेते हैं. आज भी घर-घर में भगत सिंह की देशभक्ति के किस्से सुनाए जाते हैं. इस दिन (23 मार्च) भगत सिंह के साथ सुखदेव और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया.

Jairam pay tribute to Shaheed Bhagat Singh
सीएम जयराम ठाकुर ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को दी श्रद्धांजलि

इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाता है. भगत सिंह के देश के प्रति प्रेम के जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. भगत सिंह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें देखते हुए कई लोगों ने क्रांतिकारी मार्ग को अपनाया.

शहीद दिवस क्यों मनाते हैं: 23 मार्च को तीन स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था. बेहद कम उम्र में इन वीरों ने लोगों के कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी और इसी उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. कई युवा भारतीयों के लिए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव प्रेरणा के स्रोत बने हैं. ब्रिटिश शासन के दौरान भी, उनके बलिदान ने कई लोगों को आगे आने और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया. यही कारण है कि इन तीनों क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाता है.

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Last Updated : Mar 23, 2022, 12:55 PM IST
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